लेखनी कविता - मेरा गीत दिया बन जाए -गोपालदास नीरज

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मेरा गीत दिया बन जाए -गोपालदास नीरज  अंधियारा जिससे शरमाये, उजियारा जिसको ललचाये, ऎसा दे दो दर्द मुझे तुम  मेरा गीत दिया बन जाये! इतने छलको अश्रु थके हर  राहगीर के ...

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